** दिल-ए-बेताब **
जबकि खबर उनको अंत नेस्तोनाबूद है हो जाना,
दिल-ए-बेताब को आदत है मचल जाने की !
पढ़ना बड़े हिसाब से मेरे शब्दों को नाज़नीं,
दिल-ए-बेताब को आदत है मचल जाने की !
कोशिश की तुम ना दिखो, किन्तु हरेक जर्रे में दिखती ,
दिल-ए-बेताब को आदत है मचल जाने की !
कितना रोकता खुद को, उनकी हुस्न की चादर से,
दिल-ए-बेताब को आदत है मचल जाने की !
#gkm
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