ताज काँटों का।
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तुझे दूर से ये चमकता ताज नज़र आता होगा,
तुझे दूर से इस चेहरे पर पसरी मुस्कुराहट दिखेगी,
ज़रा नज़दीक आ,
बैठ इस गद्दी पर, मखमलों से चुभते कांटो को सह,
पहन ये ताज सुनहरा, इसके भारीपन का अहसास कर,
आसान नही है, दिल रोना चाहे, पर मुस्कुराता चेहरा रहे,
आसान नही है, इस ताज का बोझ, इस गद्दी की चुभन,
एक दिन मेरी जगह लेकर देख, एहसास तुझे हो जाएगा।
फिर मुझे बताना कार्य मेरा, कर्तव्य मेरा, कौशल मेरा।
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