हमारे दरमियाँ कुछ फ़ासला हैं
ख़ुदा जाने उसका क्या मसला हैं
हम तो चाहते थे ताउम्र उसके साथ रहना
पर वो खत्म कर चुके
हमारी मोहब्बत का सारा सिलसिला हैं
अब ना बचा मेरे अन्दर जरा भी होसला हैं
नम हो गयी हैं आँखे और
साँसों मे भी दिक़्क़त हैं
बार बार पूछ रहा हैं ये दिल मेरा
क्या यही तेरी आख़िरी मोहब्बत हैं........!!
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