वो ना एकदम चॉकलेट सा है,
कसम से, साथ होता है तो ऐसी फीलिंग्स आती हैं,
जैसे बचपन में अपनी
फेवरेट चॉकलेट मिलने पर आती थी,
अंदर से ही ऐसी मुस्कान भरके आती है चेहरे पर
गालों पर गड्ढे पड़ पड़ कर गाल दुखने लगते हैं,
वैसे तो मैं बचपन में भी अपनी हर चीज़
शेयर कर लिया करती थी,
पर चॉकलेट पर जब ख़तरा मंडराता था,
तो चॉकलेट को झट से जूठा कर देती थी,
अभी भी जब उसे कोई उस नज़र से देखता है
कि मुझसे छीन लेगा,
तो मैं उसके होंठ चूम लेती हूँ,
पर वो कुछ भुक्कड़ लोग बचपन में भी होते थे
जूठी चॉकलेट भी खा लेते थे,
वो आज भी कम नहीं हैं।
-