हर्षित ये पावन पर्व हो|
पुलकित मन और हृदय में गर्व हो|
भेदभाव सारे भूल कर, ये पर्व अब मनाए हम |
जो कटुता हृदय में रह गयी, पटाखों से जलाएं हम |
दीपकों के ओज से, अंधकार का विनाश हो|
तम हृदय के दूर कर, ज्ञान का प्रकाश हो|
नवीनता की चाह हो, तन में नए लिबास हो |
बीते पलों को छोड़कर, ये पर्व आज खास हो |
ये खुशी जो आज है, वो हमेशा ही बनाएं हम|
बैर भाव भूल कर, ये मुस्कान अब फैलाए हम |
🙏 शुभ दीपावली🙏 😊 🕯
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