बहुत छेड़छाड़ कर चुके हैं हम प्रकृति के साथ कुछ काम हम नियति पर छोड़ दें तो अच्छा है। बहुत मँहगा पड़ेगा मानव जाति को इसका परिणाम ये बात हम अभी समझ जाएँ तो अच्छा है। इस मुश्किल घड़ी में जरूरत है सहयोग की अगर हम दें सबका साथ तो अच्छा है। प्रकृति, जलवायु और जन्तुओं से है ये धरा समय रहते हम करें खुद में सुधार तो अच्छा है।
चादर की तरह आसमान ओढ़ रखा है इतना तो बता दे ए ज़मीं सोने का नाटक है या हमसे नाराज़ है..... पेड़ों के कटने का दुःख है या नदियों में गंदगी का हवा में फैले प्रदूषण का ग़म है या इंसानों की घटती ज़िंदगी का..... इंसान जानवर से बत्तर निकला शायद इसी से तुम्हें ऐतराज़ है....
Shall I offer my implore and imnesty to marvelous earth 🌍, Accepting my amnesty and liabilty, Please contemplate us again we will change and become human again...
अगर धरती पे हरियाली न होगी, हमारे जीवन में कभी खुशहाली न होगी, खतरे में पड़ जाएगा हम सबका जीवन, गऱ ऐसे ही धरती बंजर और मैली होगी। Happy Earth day 22 april 2020 Arya mahila p.g college