मेरे ईमानदार कोठे पे बेईमान तवायफ तुम हो.....
आँखे चुरा कर ,अँधेरे में
आँखों में बेशर्मी का पर्दा ओढ़ कर
दबे पाँव, ईमान खोकर
लालच और हवस भरे ईरादों के साथ
तलवे चाटने तुम आते हो मेरे पास
ज़मीर बेचकर,धर्म ताख पे रख कर
उम्र की लिहाज़ से पराए
अपने गंदे इरादो पर खुशबू दार इत्र छिड़क कर
झूठ बोलकर अपनी स्त्री से
अइयासी को अपनी मोहब्बत का नाम देने तुम आते हो कोठे पर मेरे ....
और मुझे तवायफ़ का नाम देते हो
सही मायने में --------मेरे ईमानदार कोठे पे बेईमान तायवाफ तुम हो 👿👿
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