हाँ जीवन के कुछ अति महत्वपूर्ण पलों को
खरच के आया हूं, खुद को किसी की याद,
प्रेम प्रतीक्षा तो कभी विरह वेदना में जलाया हूं,
उसकी हरेक चाल के बाद उसी के लिए मिटने
को दिल को हर बार तैयार करता आया हूं,
कोई माने न माने बिना किसी गलती के
बार-बार खुद को दोषी साबित करता आया हूं।
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