इस दिन की निखरी रंगत को,
कुछ ओर निखर जाने दे जरा
नजरों को तुझे देख बहक जाने दे जरा,
कुछ देर की ही तस्कीन सही
कुछ देर का ही आराम सही।
पर इस लम्हें को याद बन ने
से पहले पूरी तरह जी लेने दे जरा।
लफ्जों में कई बार सुना होगा,
किस्से कहानियों में भी पढ़ा होगा।
धड़कनों की आवाज़ सुनने का
जिक्र हुआ करता है।
इस बार सिर्फ बातों में नही,
उस अहसास को महसूस होने दे ज़रा।
लग जा आके गले से,और दिलों को भी
आपस मे गुफ्तगू कर लेने दे ज़रा,
अब की बार इतना करीब आ जाएं के
दोनों की धड़कन एक दुझे की मोहताज
हो जाए।सुना दे मुझे इस दुनिया की
सबसे खूबसूरत धुन।मै भी गुनगुना लूं,
तेरी बाहों में होकर मशगूल ज़रा।
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