एक ईश्वर मानने वाले धर्मों की अपेक्षा अनेक देवता मानने वाले धर्म हज़ार गुना उदार रहे हैं। उनके ईश्वरों की संख्या अपरिमित होने से औरों का भी समावेश आसानी से हो सकता था किंतु एक ईश्वरवादी वैसे करके अपने अकेले ईश्वर की हस्ती को ख़तरे में नहीं डाल सकते थे।
आप दुनिया के एक ईश्वरवादी धर्मों के पिछले दो हज़ार वर्षों के इतिहास को देख डालिए, मालूम होगा कि वह सभ्यता, कला, विद्या, विचार-स्वातन्त्र्य और स्वयं मनुष्यों के प्राणों के सबसे बड़े दुश्मन रहे हैं।
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