Ajit Rai 20 AUG 2020 AT 12:47 जरूरत से बड़ा कोई धर्म नहीं होता है,और धर्म सिर्फ इंसानियत बचाने के लिए है... - ANSHI SONI🖤 9 JUL 2021 AT 13:17 दूसरों की खुशियों के लिए , सारी उम्र कम पड़ जाएगी खुद की खुशी के लिए ,लंबी उम्र भी छोटी हो जाएगी - Himanshu Sharma 28 FEB 2020 AT 15:17 कभी कभी लगता है वो पल में वापसी कर लूं।ओर सुधार कर लूं में अपनी एक एक गलती को। - writergirl 18 JUL 2019 AT 13:40 चार पुरुषार्थ है धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष धर्म और मोक्ष नदी के दो किनारे है अर्थ और काम इसमें बहता हुआ पानी है अर्थ कमाओ धर्म के लिए काम करो मुक्ति के लिए यही मोक्ष का मार्ग बताया है - Dr. Neeta Sharma 26 JUL 2020 AT 16:41 “तैर” कर तो “नदियाँ” पार की जाती है“आस्था” का “समंदर” तो “डूब” कर “पार” किया जाता है - Mazhar Hossain 31 JUL 2020 AT 17:24 Jo aankhen teri naam haiUsme dikhta tera gaam haiYu wafaa ki umeed na kar sanamBewafaa tera dharam hai - Shitanshu Priya 7 FEB 2019 AT 23:44 Karma Hi Param Hai.! - Sima 🥰 14 AUG 2021 AT 7:59 कुछ समझ कर भी चुप कर जाना होता हैकहते हैं की खुदा जो करता है भला होता है।जरूरी नहीं उसका खिदमत करना होता हैउसकी निगाहें तो तिर कर्मों पे टिका होता है।नाम जो भी देदो उसको फर्क नहीं होता हैजब तक तिर जिस्त है साथ ही तो होता है।शिकायत भीऔर इलाज ए दर्द वही होता हैतूं तो चला जाता है,वो गुमनाम ही होता है ।बांट ले इंसा खुद को इन धर्मो में क्या होता है"सीमा"सब रंग को माटी में एक होना होता है। - Dr Shailendra Tiwari 2 OCT 2020 AT 10:35 (PART II I) इक़ दिन लाठी टूट गयीसारी उम्मीदें छूट गयी।।फिर होना क्या था देश कीक़िस्मत मानो फूट गयी।।आज़ादी तो मिली परदेश का इक़ टुकड़ा खो गया।।हिन्दू-मुस्लिम का फिर आपस मे बँटवारा हो गया।।इक़ दूजे का खून बहायाइक़ दूजे को काटा है।।इंसानियत के गालों परहमने धरा इक़ चांटा है।। - Ajay Sharma 11 AUG 2020 AT 23:51 हम हिन्दू हैं जनाबजन्माष्टमी भी दो बार मना लेते हैंतुम दिल लगाने की बात करते होवो भी सिर्फ एक बार! -