वाह !!
दुआएं कोशिशें मेरी थी !!
झोली किसी और कि भर गयी....
दिन रात माँगा जिसे !!
वो किसी को यूँ ही खैरात मे मिल गयी....
अ किस्मत !!
तू फिर से कुछ अलग कर गयी....
शिद्दत तो पूरी थी !!
फिर मेरे हिस्से की खुशी कँहा चली गयी....
हाथ मेरे काँप रहे थे !!
और वो थाम ने किसी और का चली गयी....
मान ना पड़ेगा !!
कुदरत खेल ग़ज़ब का रचा गयी....
!!!!
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