Ask her, whispered my heart. But what? Questioned the brain. Cup of coffee, suggested love. Don't be shy, encouraged my mind. Ecstatic, my soul'll rejoice. For finally, whole I'll become.
उसे मैसेज तो भेजा है के कॉफ़ी पर मिलो मुझ से वो आ जायेगी तो अच्छा मैं पहले सिर्फ़ दो कॉफ़ी मँगाऊंगा मैं कैपेचीनो पीता हूँ वो कैसी कॉफ़ी पीती है इसका अंदाज़ा तो उसके आने पर होगा…
हमारे पास तो बातें भी कम हैं सो कॉफ़ी जल्द पी लेंगे। जो उसके कप में थोडा झाग कॉफ़ी का बचा होगा मैं उसकी शेप को पढ़ कर उसे फ्यूचर बताउँगा बताऊँगा उसे मैं कैसे वो मुझ जैसे इक लड़के की दुनिया को बदल देगी… (उसे मालूम होगा क्या? के कॉफ़ी कप की रीडिंग का तरीक़ा ये नहीं होता ?)
मैं कैफ़े आ चुका हूँ... ...वो भी रस्ते में कहीं होगी बहुत से लोग कैफ़े आ के पढ़ते लिखते रहते हैं मुहम्मद अल्वी की नज़्में तो मैं भी साथ लाया हूँ ये होगा तो नहीं फिर भी, वो आई ही नहीं तो फिर इन्हीं लोगों के जैसे मैं भी पढ़ कर वक़्त काटूँगा।
उसे आने में देरी हो रही है मैं इक कॉफ़ी तो तन्हा पी चुका हूँ ज़रा सा झाग कप में है जिसे देखो तो लगता है के इक लड़का अकेला बैठ कर कुछ पढ़ रहा है।
तसल्ली दे रहा हूँ अब मैं ख़ुद को ये मेरी शाम का फ्यूचर नहीं है ... के कॉफ़ी कप की रीडिंग का तरीक़ा ये नहीं होता…