चिड़िया हु
किसी दिन अपनी इस घोसला को छोड़ उड़ जाऊँगी
दूर कही अंजान शहर
अंजान लोगो सब अपना नया
घर बनाऊंगी
लोग कहते है पापा को
अपनी बेटी को बिगाड़ रखा है तुमने
घर गृहस्थी अच्छे से सँभाल कर दिखाहूँगी
मेहनत कर कुछ बनकर
माँ बाप को गर्व महसूस कराऊंगी
बहन ,बेटी ,पत्नी ,माँ,बहु होने का
सारे धर्म निभाऊंगी
अगर कभी परिवार में कोई मुसीबत आये
पति के हर दर्द में हमदर्द बन साथ निभाऊंगी
कुछ लोग कहते हैं बेटियां हैं क्या जिम्मेदारीयां निभायेगी ,
मैं कहती हूं खुद भुखी रहकर सबको भर पेट खिलाऊंगी
समाज कहता है
घर परिवार औऱ नौकरी साथ साथ कहा संभाल पाएंगी
अपने सारे फर्ज ईमानदारी से निभाऊंगी
-POOJA
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