प्रेम में पगी पार्वती....
मस्त मलंग शिव बम......
आज हुआ परिणय बँधन .....
शिव का पार्वती के संग....
छाल कपाल धारण किये...
सजे प्रभु भोले नाथ....
भूत पिचाश नंदी सहित....
ले निकले बारात....
स्वयं हुए बैरागी प्रभु....
दिया अर्धांगिनी स्थान...
प्रेम स्नेह इतना दिया....
विस्मित हुआ हर धाम...
जीवन को कुछ यूँ देखा....
मन में बसे शिव बम....
जिनको मिले साथी शिव सा....
उसका जीवन धन्य.....
शिव ही सत्य शिव सा सुंदर न कोय....
शिव से जिस दिन मिल गए ..
समझो पार उसी दिन होय....
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