कदम रखती हो जब दिल के रास्तों पर मेरे आहिस्ता आहिस्ता तो छट जाती हैं दुख धीरे धीरे किसी धूल सी ,
की मिला तुमसे , तुम्हे जिंदगी बनाया , रब ने मिलाया हमे, लबों पर गीतों की तरह सजाया तुम्हे ,
पाया तुम्हे सबकी नजरों से छिपाया तुम्हे , सपनों को मेरे खुदा ने हकीकत बनाया तुम्हे पाया मैंने ,
तुम जो आई जिंदगी में जिंदगी सवर गई इश्क मेरी अजान इश्क मेरी जात बनगई ,
चाहतों का मजा अब फासलों में नहीं की आ मिल के मन्नत मांगें फासलों को मिटाए ,
तेरे नाम को अब अपने नामों में शामिल मिल किया सपनों से जुड़े हकीकत में कही ,
ख्वाइशें मिलने की तुमसे रोज होती हैं की रोज तेरी तस्वीर सीने से लगा द्दरवाजे पर बैठ जाते हैं ,
जिंदगी बेवफा हैं मुझसी मगर छोड़ कर जाओगी बीच राह में तुम अगर छीन लाऊंगा मैं उस रब से तुम्हे ,
सूना होगा ना ये दो दिलों का जहां , उजाले हैं जो दिल के दर पर मेरे धड़कने हैं तेरी इन उजालों की वजह , की तेरी किस्मत अब मेरी तकदीर बन गई...!!!
-