तुम्हारी यादें मुझे जीने नही देती चैन से
तुम आज भी जाती नही इस जहन से!!
जिन राहों पर हम हमेशा साथ घुमा करते थे
वो राहें भी मुझे अकेला देखती है हैरानी से!!
शाम जो हमेशा हमारा साथ दिया करती थी
वो भी अब कही गुम है तुम्हारे न आने से!!
ये जो बारिश कि बूंदें आई है मेरे खिड़की पर
तुम आती नहीं यहां,वो भी अंजान है इस बात से!!
तुम तो चली गई सफर में अकेला छोड़ कर
मगर मैं आज भी खड़ा हूं तुम्हरे इंतजार में!!
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