वक़्त की साजिश कहूँ , कुदरत का खेल कहूँ या कहूँ इसे बदनसीबी , अब तो मानो जैसे तुमने मुझे तुम्हारे ख्यालों में भी मिलने से इंकार किया है । वो कहते थे ना तुम की तुम्हे समंदर के किनारे टहलना बेहद पसंद है , तुम्हारे दीदार की आस में मैंने अश्कों से समंदर बनाकर तुम्हारा इंतजार किया है ।
As we made love, stars and moon whispered to themselves and hid behind clouds to give us some privacy we needed, and started blushing and giggling themselves.