यहीं ठहरे हैं यही रवानी है
मुसलसल चलती रहे वो जिंदगानी है...
तुम अरमान हो
तुम्ही से कहानी है...
तुम्हारी ही तिश्नगी है
तु ही घूंट भर पानी है...
ऐसे ही उलझता रहता हूं
तेरे सपने है तेरी याद आनी है...
तू ही अनजान है मोहब्बत से मेरी
तू ही हक़ीक़त है तू ही कहानी है...
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