ऐनक भूल आयी हूँ ,
तुम्हारे सिरहाने की मेज़ पर;
पढ़ते पढ़ते राजा रानी की कहानी।
क्या बच्चों सी हरकतें हैं तुम्हारी,
कहा था ना तुमने?
राजा रानी की कहानी
और
पढ़ते वक़्त नाखून चबाने की
तुम्हारी आदत पुरानी।
कुछ अधपके ख्वाब भी हैं।
अधूरे हैं, कच्चे से
धूप मिली ना प्यार
मुरझा गये, सूख गये
छोड़ आयी थी वहां
बिखरे मिलेंगे वहीं ज़मीन पर।
ज़मीन पर मेरे पैरों के निशान भी होंगे
या मिटा दिया उनको तुमने बेतरतीबी से
जैसे मिटा दिया यादों को मेरी?
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