अम्मी...
कभी रस्मो की तरह,
तो तौर ए रिवाज कभी,
प्यार जताते है बच्चे,
टुकडे टुकडे प्यार को
अब तरसती है अम्मी।
कुछ वक्त साथ उसके बिताया जाए,
थोडी सी तवज्जो दी जाए,
बेगरज प्यार के बदले,
बेहिसाब प्यार कब मांगती है अम्मी!
'रफ्तारे जिन्दगी के साथ ,
हम मसरूफ हो भले
माँ- बाप तन्हा है मगर ये ना भूले,
अब प्यार आराम और सहारे की,
हकदार है अम्मी!
जिन्दगी दी है हमे ,
बन्दगी की हकदार है अम्मी!!
......Disha'Azal'
Happy Mother's Day..
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