नयन मेरे नम थे , आंखें अब कुछ कह ना सकी ,
हो सनसनी हवाई खूब चली, पर मेरे आंसू पहुंच ना सकी ।
बातें अब हम भूल गए थे, शक्लें भी अब बदल गई,
मैंने पीछे मुड़ कर देखा , वह यादें अब याद बन कर रह गई ।।
सिलसिला भी यकीन नहीं होता खत्म हो चुका था,
मानवता की राह पर मैं एक और कदम आगे बढ़ चुका था ।
सच कहते कहते मेरी सहनशील जिंदगी बहुत कुछ कह गई ,
जिन जिन से मेरे रिश्ते की डोर बंधी थी वो यादें अब याद बन कर रह गई ।।
जब सूरज उजियारा फैलाता है ,सितारे आसमां में कहीं खो जाते हैं,
और जब सितारों की महफिल सजती , तो सूर्य भगवान शामिल ना हो पाते हैं ।
यह अकेलापन तो मुझे ही तक सीमित था ,अब प्रकृति में कैसी दरार पड़ गई ,
ना चाहते हुए भी आसमां की कीमती तिजोरी में यादें अब याद बन कर रह गई ।।
मेरा दिल अब खाली है, कोई भी बसने आ सकता है ,
बस उन यादों वाले बंगले में ,वो खुदा भी ना समा सकता है ।
मुझे माफ करना कुछ गलतफहमीओं के कारण मेरे रिश्तो में दरार पड़ गई ,
सलामी उस महान शख्सियत को जिनके बिछड़ने के बाद भी वह यादें अब याद बन कर रह गई ।।
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