जो सपने तूने देखे थे, क्यों पूरा करना छोड़ दिया,
हर जीत के पहले हार ही है, क्यों तूने लडना छोड़ दिया |
लोगों की बातें तो होंगी, और ताने भी सुनने होंगे,
पर राह के कांटों से तुझको,मंजिल खुद ही बुनने होंगे |
जो शंकाओं से घिरा रहा, तो राह भटक भी जाएगा,
तू हिम्मत कर चल आगे बढ़, मंजिल भी नजर में आएगा,
जो मंजिल तक तू पहुंच गया, सपना पूरा हो जाएगा |
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