पहली बार जब उनसे मुलाकात हुई .. खामोश थे उनके होंठ, बस निगाहों से बात हुई हम तो खोए रहते थे बस उन्हीं के ख़्यालों में पता ही नहीं चलता कब दिन से रात हुई .. हां ऐसे ही मेरी मोहब्बत की शुरुआत हुई ..
तेरी आदत को इबादत में बदलने लगा हूँ मैं..... तू ही है सुबह मेरी, तुझमे ही ढलने लगा हूँ मैं...| मेरे सपने में भी मुझे तस्वीर दिखती है तेरी... तुझे मंजिल मान के बस तेरी ओर चलने लगा हूँ मैं...|
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Fetching #youandme Quotes
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