"दास्तां-ए-सेमेस्टर"!
😫😴😕
जुलाई से दिसम्बर हैं तो पाँच महीनों का सफर
पर पलक झपकते ही आ जाये ग़मों का मंजर।
क्लास लेक्चर में लगता नहीं है मन,
नोट्स न मिलने की उससे बड़ी है उलझन।
अनगिनत छुट्टियों में पकवानों का उठाते हैं लुफ्त,
राखी,लोहड़ी, दीवाली,देशहरा , छट्ठ के बाद
सभी पड़ जाते हैं सुस्त।
जब आए सेमेस्टर का शेड्यूल,
सभी के सिर चक्कर खाते हैं।
ऊपर से ये BHU के tentative dates,
बच्चों को मिनी हार्ट्-अटैक दे जाते हैं।
अलसाई दिसम्बर में लेकर सेमेस्टर के एग्जाम,
पूछ्ते हैं बेटा तेरे क्यों नम्बर आते हैं कम।
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