Navaldeep Singh Arora 8 JAN 2018 AT 6:48 अपने हर सफर में तेरे ही वो निशाँ ढूंढता हैवो अब ज़मीं खोद कर भी आसमाँ ढूंढता हैख्वाबों में उसके चमकता सा जुगनु रहता हैकम्बख्त बन्द कमरों में रोशन जहाँ ढूंढता है - Navaldeep Singh Arora 12 AUG 2017 AT 19:23 Navaldeep Singh - Navaldeep Singh Arora 22 APR 2017 AT 21:42 मुआ मुल्ला जो मरा, पंडित भया निराश तारे सबरे छिप गए, खंडित हुआ आकाश - Navaldeep Singh Arora 6 JAN 2018 AT 13:44 कोई टूटा सा घर जैसे अपनी मरम्मत मांग रहा होवो मुझसे ऐसे मिलता है मानो जन्नत मांग रहा हो - Navaldeep Singh Arora 28 MAY 2017 AT 14:15 ये पुतला मोम का है तो पिघलता क्यों नहींये दिल गलतियाँ कर करके भी सम्भलता क्यों नहीं Insta- @singh_navaldeep - Navaldeep Singh Arora 21 APR 2017 AT 13:41 वफ़ा के दामन में सर रख कर देखो भूखे बच्चों की तरह सिसक कर देखोबेवफ़ाई की रोटी जो कभी हलक से न उतरे तो मेहनत की आग में सुलग कर देखो - Navaldeep Singh Arora 27 MAY 2017 AT 21:17 नमक के कुछ कतरे यूँ समंदर से मिले जैसे तेरे खत मेरी किताबों के अंदर से मिलेजगमग रोशन था शहर तेरा उस रोज़ मेरे निशान जिस रोज़ किसी खंडर से मिले !! - Navaldeep Singh Arora 20 APR 2017 AT 13:51 तेरे दामन में चाँद है, तो होगा ए फ़लक़ पर रात को घरों में रोशनी अच्छी नहीं होती - Navaldeep Singh Arora 24 APR 2018 AT 0:54 Excerpt from Mashaal Releasing Tomorrow on inkStation - Navaldeep Singh Arora 18 APR 2017 AT 14:30 सर्द हवाओं की तिजारत करना सीख रहा हूँअब तो संभल जाओतूफानों मैं तुमसे बगावत करना सीख रहा हूँ -