कल रात शोर था डर था,
और एक अधूरा सा ख्वाब।
ख्वाब में तुम थी मैं था,
और इंतज़ार करती मेरी मौत।
आंखों में खौंफ था तेरी गोद में मेरा सर था,
और चेहरे को मेरे रोते चूमती हुई तुम।
लोग थे भीड़ थी,
और मेरी मदद के लिए उनसे लड़ती हुई तुम।
आंसू थे डर था,
और गलें में अटके हुए मेरे आखिरी कुछ शब्द।
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