"मुर्शिद",ना किसी को तहजीब से मिला,
सब हारे जतन,ना तरकीब से मिला,
रहता है सबसे,पोशीदा,इस कदर,
कोई पता ना उनके,रकीब से मिला,
भटके हर इक चौखट,सब दर, दरवाजे,
ना किसी जगह,ना किसी सलीब से मिला,
मिलना जिसे है,खुद रहम कर,मिले,"मुर्शिद,"
ये नसीब,किसी किसी को नसीब से मिला
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