सही हो तुम जब कहती हो,
की है वो सब कहानियां,
मगर भूल गयी तुम,
की कुछ कहानियां सच भी होती है,
सही हो तुम जब कहती हो,
की है वो सब गलत,
मगर मेरी नज़रिये से देखो,
शायद मिल जाए तुम्हे उसमे एक नयी झलक...
तुम्हे जानता हु मैं,
तुम्हारी हार बात को मानता हु मैं,
तुम्हारे इरादे पहचानता हु मैं,
मगर सुन मेरी भी तू ये छोटी सी कहानी,
लिख कर जो करदी बयां तुझे, मेरे शब्दों की ज़ुबानी...
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