तेरे बाद ना जाने हम किधर गये,
तेरे साये से जो बिछड़े तो बिखर गये।
कोशिशें बहुत कीं साथ चलने की,
उस रोज़ हाथों से छूटे तो मर गये।
इश्क की बात पर तू फिर याद आया,
फिर एक बार हम कहने से मुकर गये।
मंज़िल भी अब सबब माँग रही जुदाई का,
कहाँ वो राहगुज़र कहाँ वो रहबर गये।
#बनारसवाली
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