कुछ कहना है तुमसे । ।।वो जो खिड़की पर अधूरा सा चांद रखा है अपनी अधूरी ख्वाहिशें जोड़कर मुकम्मल कर देना ।। ।।कई अधजगी सी रातें तारों के आगोश में पड़ी है कुछ धूप जिंदगी की उनको भी दिखा देना ।। आसान नहीं यहां अपनी तरह से जीना सबकी तरह तुम भी कुछ मुखौटे बनवा लेना ।। ।।बीते सफर की यादों का कोई सिलसिला मिलेआंखों की नमी से चेहरे को गजल बना लेना ।। ।।आजकल अंधेरों में उजाले नहीं है सांझ जो ढले , जुगनू बुला लेना ।। ।।'शेखर' जीना यूं आसां नहीं है जख्म कोई मिले ,कुछ और मुस्कुरा देना ।।
👇 👉 वो जानकर भी क्यूं कुछ जानता नहीं, हर लम्हा गुज़ारा साथ, फिर भी पहचानता नहीं। वो... है भी वहीं..., फिर.. है क्यूं नही! लगता है.🤔🤔 उसके दिल में छुपा कोई बड़ा राज है, उससे कोई रूठा है, या वो किसी से नाराज़ है।