कभी किसी ने मुझसे कहा था,
"कि मैं सुंदर नहीं"
उस वक्त शायद फर्क भी पड़ा था;
वजह ये कि,
जवानी की दहलीज पर कदम हीं पड़ा था,
और,भावनाओं के नए नए
बीज का नव अंकुरन हीं हुआ था।
किन्तु,सच बताऊं अब कोई वास्ता ही नहीं,
इन बातों का मेरे जीवन में, क्योंकि
अब मेरे कविताओं की,
अभिव्यक्ति का सुंदर
होना आवश्यक है,
मेरे चेहरे की नहीं।
मेरे कविताओं की पंक्तियों से निकले,
उम्मीद की किरणों का
फैलना आवश्यक है,
मेरे गालों की लालिमा का नहीं।
मेरे कविताओं में उपयोग होने वाली,
मात्राओं से विचारों का सज्ज,
होना आवश्यक है,
मेरा गहनों से सजा होना नहीं।
हां,मैं एक लड़की हूं,
तभी तो,
"मेरे भावनाओं का सुंदर होना आवश्यक है",
मेरे चेहरे का नहीं।
#RR #
ख्याति
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