कुछ समाज का डर होता है,
कुछ परिवार का डर होता है,
कुछ सामने वाले में विश्वास कम होता है।
कुछ घर की चिंता होती है,
कुछ रिश्तेदारों का डर होता है।
कुछ बुने हुए सपने, बस सपने लगते है,
कुछ पापा के इज्जत की चिंता होती है।
कुछ फ़र्ज़ निभाना होता है ,
कुछ बेटी बनना पड़ता।
कुछ समझौते करने पड़ते है,
कुछ बातें दिल मे रखने पड़ते है।
कुछ यादें बस यादों में रखना पड़ते है,
कुछ बातें बस बातों में रखना पड़ते है।
बस यही वजह है कि मेहंदी में किसी और,
और दिल मे किसी और का नाम होते है।
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