अपने हक़ में जब भी सफाई देता हूँ
तब किसी को कहाँ मैं सुनाई देता हूँ
बोलने के बाद ही एहसास होता है
गलत ही लफ्ज़ों को रिहाई देता हूँ
सबको सुना देता हूँ सब्र का किस्सा
वो सोचते हैं मै दर्द की दवाई देता हूँ
यकीनन डूब जाओगे पढ़ने के बाद
मैं लफ्ज़ों में इतनी गहराई देता हूँ
इसी आदत ने किया है बर्बाद मुझे
सबको दुआ देता हूँ न दुहाई देता हूँ
साजिद की हक़ीक़त साजिद जाने है
लोगो को मैं ग़लत ही दिखाई देता हूँ
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