चल माना, पेसो से खुशियां नहीं खरीदी जाती,
लेकिन पैसो से सपने खरीदे जाते है..
तुझे यकीन नहीं आता तो चल
मेरे साथ मेरी बस्ती में,
जहा गुलक के नाम है,
तू मेरी गाड़ी है, तू बेटी की शादी है और तू...
बुढापे की मस्ती है,
मैने ज़मीर को गिरते हुए देखा है,
मैने होनर को बिकते हुए देखा है,
जो कहता है पैसों से खुशियां नहीं आती
मैने लोगो को भूक से तड़पते हुए देखा है..
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