तुम रख लो वो निशानी हूं मैं समंदर का गहरा पानी हूं मैं... ख्वाबों में खोई दीवानी हूं मैं कविताओं की अपनी जुबानी हूं मैं तुम कर दो वो नादानी हूं मैं... मोहब्बत सी रूहानी हूं मैं समझ से परे अनजानी हूं मैं... कुछ पन्नों की कहानी हूं मैं
मुझे मेंहफ़िलो का शौक नही मुझे तन्हा रहने दो, मुझे खुशियाँ रास नही आती मुझे उदास ही रहने दो, उनकी नज़रो में वफ़ा करने वाले हजार है, लेकिन मुझे उनकी नज़रो में बेवफा ही रहने दो......!!
प्रपोज़ वाले मॉडर्न प्यार की, कोई गारंटी नहीं Babu से कब,,,Ex बन जाए कोई तिथि नहीं प्रेम नयन से शुरू हो श्वास थमने पर थमता है नि:स्वार्थ पवित्र प्रेम,इजहार का मोहताज नहीं