याद करो वो पहला दिन,
जब तुम मेरे पास आए थे
अपना समझकर मुझे तुमने
सपने मेरे संग सजाए थे
रंगो कि पेहचान न थी मुझमें
फिर भी तुम्हारे संग चित्र सजाए थे
अनन्त था वो रिश्ते का अर्थ गहरा
आज भी उन सपनो के संग जी रही हूं
तुम्हारी खुशी के लिए यह गम भी पी रही हूँ
तुम्हारे साथ की मैने हर बात
और तुमने साथ चलने का वादा किया था हर साल
जब बिछड़ना ही था
तो क्यो थे मुझसे मिले
धीरे से खुशी ले गए
अब आंसू है कुछ बचे
अब याद आते हो तुम,
हर पल , हर वक़्त
क्यों चले गए ऐसे दूर
कि मेरी आँखों मे है अब आँसू भरे हुए ।
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