कितनी प्यारी प्यारी हैं रोशनियां
रोशन इन्हीं से छोटी सी सारी दुनिया
कितने प्यारे प्यारे चिराग़ यह बने हैं
मिटटी ने सजा दी है हमारी दुनिया
कितने प्यारे प्यारे लोग आज निकले हैं
मेले ने लगा दी है क्या ही प्यारी दुनिया
कितने प्यारे प्यारे मासूम सारे बच्चे हैं
सर नहीं उठा सकते, पेट पे भारी दुनिया
कितने प्यारे प्यारे सुख ख़ुदा तुमने बनाए
दुख में दुख के ध्यान में मगर तु हारी दुनिया
प्यारी प्यारी दुनिया ये दुनिया वो दुनिया
इस दुनिया से उस दुनिया,अलग बारी बारी दुनिया
कितने प्यारे प्यारे खिलौने बाज़ार में आएं हैं
बिन पैसे लेकिन यह मीठी भी खारी दुनिया।
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