एक रात बैठे हम यूँ जागते रहे,
वो हमे और हम उन्हें ताकते रहे।
हमे देखकर वो यूँ मुस्कराते रहे,
और हँसी के पीछे उदासी छुपाते रहे।
मिलने बिछड़ने के डर हमे सताते रहे,
फिर भी प्यार का दीपक हम जलाते रहे।
लफ्जो को छोड़ नजरे हम मिलाते रहे,
नजरो ही नजरो मे प्यार हम जताते रहे।
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