बाज़ारों में क़त्ल मेरा सर-ए-आम करें कोई
मुझे मार कर मेरे मातम का इंतज़ाम करें कोई
कोई सजाये मेरे क़ब्र को फूलों से जरा
मेरे ज़िक्र-ओ-फ़िक्र में सुबह शाम करें कोई
मतलब की दुनिया में बहुत नाम कमाया मैंने
मेरी ही महफ़िल में मुझे बदनाम करें कोई
लेने आये है फ़रिश्ते बड़े अदब से हिसाब मेरे
आज की शाम मेहमान के नाम करें कोई
जाम-ए-ग़म पीकर ज़वाब देने वाली हूं मैं
अब आकर मुझे सड़कों पर नीलाम करें कोई
क़ब्र में क़ैद होने का वक़्त हो गया है सबा
अज़ीज़ों से कह दो आख़िरी सलाम करें कोई
-