डॉ. विवेक सिंह 'बैरागी' पेशे से शिक्षक, स्वतंत्र लेखक, कवि और वेब विश्लेषक हूँ। क्रांतिधरा मेरठ के रहने वाला हूँ। कवितायेँ लिखना, समसामयिक लेखन, हमेशा कुछ नया करते रहना, राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय विषयों पर लिखना, मानव सह-अस्तित्व के लिए कार्य करना। कई समसामयिक मुद्दे मन को उद्वेलित करते हैं मेरा प्रयास, मेरा लक्ष्य इन मुद्दों को अभिव्यक्ति देना है। कविता है कवि की आहट, उसके जिंदा रहने की सुगबुगाहट, उसके सपने, उसके आँसू, उसकी उम्मीदें, उसके जीने के शाब्दिक मायने ...लेखन और कविता मेरे इन्हीं विचारों और दृष्टिकोण की अभिव्यक्ति है जो देश-परिवेश और समाज-दुनिया में हो रही घटनाओं और परिस्थितियों से उपजते हैं। प्रतिष्ठित समाचार पत्रों एवं पत्रिकाओं में नियमित लेख एवं कविताएं प्रकाशित | इसके अतिरिक्त ऑनलाइन पत्रिका बागेश्वरी में नियमित कविताएं और क्षणिकाएं प्रकाशित होती रही है। ऑनलाइन वेब पोर्टल होप मैगजीन और INVC International News And Views Corporation पर भी मेरी कविताओं को स्थान मिलता रहा है। साथ ही काव्य संग्रह सरगम tuned, कुछ यूं बोले एहसास, काव्य सुरभि और साहित्यिक पत्रिका विश्वगाथा में मेरी कविताएं प्रकाशित हुई है। बस इसी बहुरंगी जिन्दगी की कुछ रंगों को समेटे टूटे फूटे शब्दों में लिखता हूँ ....
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