A well-to-do family, the only child, mom's pride, dad's princess, boyfriend's queen, a good education, a decent job, loving friends. Life indeed was simple, except she never settled for anything less than highly complicated.
उसने जन्म के बाद अक्सर यही सुना था की उसे अपने घर जाना हैं... ये घर तो उसका चार पल का ठिकाना हैं... इस घर से विदा होने की घड़ी नज़दीक जब आई माँ बोली...असली घर को हमने तेरी डोली हैं पहुंचायी सपनों के गुलदस्ते लेकर पिया संग तो चली आई पर यहाँ भी बेचारी पराये घर की कहलायी कश्मकश की नदियां में चपु हाथ से छूट गया एक रोज़ जब उसका सब्र का बान्ध टूट गया अक्समात ही उसके मुँह से फूट गया "पराये घर से आई हूँ बेगानो में डेरा हैं क्या वास्तव में भी कोई घर मेरा हैं !!"