abtar 1 OCT 2019 AT 19:09 "ताउम्र की गुलामी मंज़ूर की थी ना मैंने, तुम रिहाई चाहते थे.... तो अब मेरे कंगन का,घड़ी में तब्दील हो जाना, क्यों खलता है तुम्हें...???" - Aradhya Raghuwanshi 24 JUL 2020 AT 11:43 उसके बताए रास्ते पर अंजान बनकर बैठ गयीबेवफ़ा था जो कमबख्त उसी के सामने मैं वफ़ा की किताब खोलकर बैठ गयी - Prakhar Singh 19 DEC 2018 AT 22:38 Four paws.Knows no laws.Took no vows,yet forever yours. - Aradhya Raghuwanshi 11 AUG 2020 AT 12:30 भरी थी जेब तब गैर भी रोक रोक कर हालपूछते थे जो उजड़ गया पैसों का महल तो अपने भी अब मौत की तारीख़ पूछते हैं - Amit Mishra 27 SEP 2019 AT 10:32 ये वादा है मैं लौटूँगातुम फिर से मेरी हो लेनारखना सिर मेरे काँधे और खुल के रो लेना(In caption) - Aradhya Raghuwanshi 20 FEB 2020 AT 20:32 सवालों की गुंजाइश उस रिश्ते में होती हैजिस रिश्ते मैं विश्वास की कमी होती है - Aradhya Raghuwanshi 27 JAN 2020 AT 19:19 जुगनुओं से कह दो कोई और घर ढूँढ लेंमुझे अंधेरे में रहने कीआदत हो गयी है - Aradhya Raghuwanshi 23 AUG 2020 AT 17:15 सुना है मेरे लिए अब किसी के पासवक़्त नहीं है चलो अच्छा ही है क़ब्र में किसी ओर के लिए जगह भी नहीं है - Aradhya Raghuwanshi 9 SEP 2020 AT 12:18 खुदको खुद से खफ़ा लिख रही हूँहाँ बेवफ़ा मैं वफ़ा तेरे नाम लिख रही हूँ - Aradhya Raghuwanshi 10 JAN 2020 AT 20:39 नाराजगी अब खुदसे होने लगी हैउसकी वफ़ा ओर मेरी खामोशीहर पल खटकने लगी हैयूँ घुट घुट कर जीना शायद अब मुझको उसका दिलतोड़ने की सजा मिल रही है -