In every field try to become 'Pandvas' instead of 'kauravas' because they seems less in numbers but they are on the path of truth and always try to execute ethics.
[ यद्यपि सत्य वचन बोलना श्रेयस्कर है तथापि उस सत्य को ही बोलना चाहिए जिससे सर्वजन का कल्याण हो। मेरे विचार से तो जो बात सभी का कल्याण करती है वही सत्य है। ]
बचपन में बड़े बुजुर्गों द्वारा सुनाई जाने वाली कहानियां ही हमारे व्यक्तित्व की निर्माता होती है। वो कहानियां हमें बताती है कि आदर्श चरित्र कैसा होना चाहिए।।।🙏😇