The tragedy of 'all modern renaissance' of the spirit is that we make it a 'plea.' If only, we rather understood that respect for anyone is basic humanity. Everlasting Love can't begin with pity!
आजाद परिंदा आज कैद हुआ जो हमेशा होता है वह आज फिर हुआ मोहब्बत के नाम पर फिर बर्बाद हुआ टूटे दिल को संभालने की उमर ही कहा है फिर भी भावनाओ के शिकंजे मे आजाद परिंदा आज कैद हुआ
ऐ ज़िन्दगी क्या कसूर है मेरा किस गुनाह का गुनाहगार हू तेरा चलो आज गिले शिकवे मिटाते है साथ अपनी एक बैठक बिठाते है क्या करू अब खुद से छिपाता हू आज तुझे अपने जख्म दिखाता हू आज आबरू का शिकार हर कोई हो गया है इसलिये खुद पर विश्वास कम सा हो गया है रोना चाहता हू दिल खोलकर मगर क्या रोलू आज तू सुने अगर बहुत रातें बीत गयी कोई सपना नही दिखता इस भीड भरी दुनिया मे कोई अपना नही दिखता
-
Fetching #dyk Quotes
Seems there are no posts with this hashtag. Come back a little later and find out.