QUOTES ON #BSSYUHI

#bssyuhi quotes

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9 OCT 2021 AT 22:29

उजाले की ख्वाहिश है सबको यहां,अंधेरे से कहां कोई वास्ता रखता है
जो गुजर गया....सो गुजर गया,अब कहां कोई किसी की राह देखता है...।।🥀

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5 MAY 2021 AT 23:24

Khafa kya, hum tumase juda tak nahi honge
Bas sath dena tum hamara, hum tumhe bewafa tak nahi kahenge

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15 JUL 2021 AT 12:59

तुम तो घोलते रहो मिठास ज़हर से क्या करना
उनके कर्मों का फ़ल तुम्हें थोड़ी है व्यय करना

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26 AUG 2020 AT 22:43

खोया तू रह..
जग के परवाने बहुत है बाकी..!
बस एक कि तलाश कर..
जो तेरे खुद में हो बाकी....!!✍️🍁

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27 APR 2021 AT 14:38

किसी की ख़ामोशी ही तो हैं हमें हर पल रुलाती है,,,,
नजानें हमेशा हसने वालो को ख़ामोशी की आदत क्यों हो जाती हैं,,,,
© फ़िर से तेरी याद आई,,,,

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9 OCT 2019 AT 20:53

मेरे दर्द भरे
ज़ज़्बातों का
असर उस पे
होता भी कैसे !!




आखिर
मेरी आदत जो थी
हर वक्त
हँस के बयाँ करने की !!

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21 APR 2020 AT 20:08

मुलाक़ातों का दौर कुछ यूँ थम गया....
कि अब तो आइना भी उदास है ....

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20 AUG 2020 AT 18:48

भस्म हुई प्रीत की कहानी.......

भस्म हुई ओस की कहानी जब मिली रश्मी किरण से।
अंत लिखा था भाग्य ने, रश्मी से ओस की प्रीत की कहानी का। मिलना अंत का कारण था, फिर भी दोनो ने नीयति कबूल की।चंद पलों की बेफ़िक्री में जी ली पूरी उम्र की कहानी। वो पल भर का स्पर्श रोशन कर गयी थी उन्हें। ओस ने बेपन्नाह मोह्हबत की थी रश्मी किरण से ये बात ज़माने को खबर लग गई। उनकी मोहहबत की रोशनी का दीदार तो उस दिन वहाँ मैजूद सब ने किया। शीतल ओस की काया ही बदल गयी जब रश्मी ने उसे छुआ। ओस में समायी थी शीतलता इसके विपरीत रश्मी तपिश का अंश लिए आतुर थी अपने मिलन को। शीतलता का तपिश से मेल कुछ अनोखा संगम बना गया। देखते ही देखते अंत की ओर चल पड़े थे दोनो, बन कर वाष्प वापस लौटने को आसमा की ओर। जहाँ नियति भी उनका साथ दिए जा रही थीं। अंत हो चुका था कहानी का भाग छोर् कर बस याद इस जहां में। भस्म हुई प्रीत की कहानी बिखेर कर बस दोनो की याद।

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9 JUL 2022 AT 23:32

Man me na koi swaal hai na koi drd hai
Fir bhi aakho me ek nami si rhti hai
Labo pr muskaan rhti hai pr har wqt ghutan si bhi hoti rhti hai
Maano har wqt lgta hai saase ruk si jaaegi
Pr fir bhi kisi raat meri maut ki khabar nhi aati hai...

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2 FEB 2021 AT 11:48

Jab dard me hamdard sath ho to,
Wo dard apne aap km ho jata h..
Par jb dard me hamdard sath chor jaaye,
To!
Uss dard me aur dard badh jaata h..!!

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