Sourabh Acharya 20 APR 2017 AT 18:04 हूँ इश्क़ का सा नज़्म मैंमैं कलम का रुझान हूँहै जानता हर एक हर्फ़मैं ज़र्द रेगिस्तान हूँ{( Full Poetry In Caption )} - 'आहत' नज़्मी 3 FEB 2020 AT 14:07 #आहतबोलनौनिहालों यूँ सँवारो देश कोबाग़बां ख़ुश बाग़ भी ख़ुशहाल हो -