Vinesh Sharma 8 DEC 2017 AT 23:53 In Sard Raato Mai Zara Si Aankh Kya Michi ...Ek Tasveer Dhundhli Si Tumhaari Phir Dikh Gyi Mujhko ... - Khushboo Malviya 27 MAR 2017 AT 9:26 पुराने काग़ज़ों में लगी इश़्क की स्याहीअक्सर दर्द नया देती है - Ranjeeta Sahay Ashesh 26 MAR 2017 AT 23:37 अब्सार होते हैं रूह का आईनापढ़ लो गर तो खुदा मिल जाए - Ankush Tiwari 30 MAR 2017 AT 22:41 तेरी जुल्फों के घने साये में फना हो जाने को दिल करता है,तुझे देखते ही ये एक पल दिवाली और दूसरे पल ईद मनाने की जिद्द करता है। - Ankush Tiwari 29 MAR 2017 AT 0:04 हम भी नवाब थे अपने शहर की धूप में,तेरी गलियों की छाँव ने फ़क़ीर बना दिया। - Ankush Tiwari 27 MAR 2017 AT 10:15 मुसाफिर चले जाते है राहों को पीछे छोड़कर और भटकने पर पूछते है,ये रास्ता कहाँ जाता है? - Ankush Tiwari 30 MAR 2017 AT 0:34 कागज़ बेचने चले थे बाजार में,पर यहाँ तो शब्द बिकते है कागज़ की आड़ में। - Ankush Tiwari 27 MAR 2017 AT 23:55 रस्मो का संगीन खेल खेला जाता है इस इश्क़ के बाजार में,रिवाज के नाम पर हर आरज़ू का क़त्ल-ए-आम होता है। - Ankush Tiwari 27 MAR 2017 AT 3:25 हमारी सादगी की मिल्कियत में आ के देखो जरा,भूल जाओगे आसमान में कोई और परिंदा भी है। - Ankush Tiwari 26 MAR 2017 AT 23:00 अगर आखरी मंज़िल तू ही है तो आ गले लगा ले ऐ मौत,अकेले चलते चलते थक गया हूँ और ये ज़िन्दगी भी मुझे अपनाती नहीं। -