28 MAR 2017 AT 1:41

लाखों हैं मेरे मुँह से बाहर निकलने वाले अल्फाज़ के दीवाने,
कोई मेरे अंदर की ख़मोशी सुनने वाला होता तो क्या बात होती।।

- Sethji