लाखों हैं मेरे मुँह से बाहर निकलने वाले अल्फाज़ के दीवाने, कोई मेरे अंदर की ख़मोशी सुनने वाला होता तो क्या बात होती।। - Sethji
लाखों हैं मेरे मुँह से बाहर निकलने वाले अल्फाज़ के दीवाने, कोई मेरे अंदर की ख़मोशी सुनने वाला होता तो क्या बात होती।।
- Sethji