शब्दों के तीर का तरकस पहने मैं भी अभिमन्यु सा वीर था ।गम और जुदाई ने छल से मारावरना जीवन अभी शेष था।-Sumit R Das - सुमित.आर.दास
शब्दों के तीर का तरकस पहने मैं भी अभिमन्यु सा वीर था ।गम और जुदाई ने छल से मारावरना जीवन अभी शेष था।-Sumit R Das
- सुमित.आर.दास